जनता वैदिक कॉलिज, बड़ौत (बागपत) में हिन्दी-विभाग की स्थापना सन् 1950 में श्रद्धेय डॉ0 महेन्द्र प्रताप शास्त्री प्राचार्य के सद्प्रयासों का परिणाम था। डॉ0 शास्त्री ने सन् 1950 में महाविद्यालय के हिन्दी-विभाग में स्नातक और स्नातकोत्तर कक्षाओं का श्री गणेश कर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ग्रामीण अंचल में स्थापित इस शिक्षा संस्था में भाषा और अभिव्यक्ति का नया क्षितिज खोलकर सभ्यता और संस्कृति का अभिनव सूत्रपात किया। इस महत् कार्य के संपादन और संचालन हेतु आगरा विश्वविद्यालय आगरा से विद्या-वाचस्पति की उपाधि से विभूषित डॉ0 नत्थन सिंह को 1 जुलाई सन् 1950 को हिन्दी-विभाग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। डॉ0 नत्थन सिंह ने 30 जून सन् 1983 तक अनवरत रूप से हिन्दी भाषा और साहित्य की अभूतपूर्व सेवा की वाद-विवाद प्रतियोगिता, साहित्य-संगोष्ठी का आयोजन और सहभागिता, निबन्ध-लेखन और शोध के क्षेत्र में उन्होंने अविस्मरणीय कार्य किया। उनके निर्देशन में 22 छात्रों ने शोध उपाधि प्राप्त की। प्रख्यात शिक्षाविद् डॉ0 सुभाष चन्द्र कालरा डी.लिट. ने 1 जुलाई सनृ 1983 में हिन्दी विभागाध्यक्ष का कार्यभार संभाला। इन्होंने हिन्दी के अतिरिक्त अन्य प्रान्तीय भाषाओं के अध्ययन और शोध कार्य पर विशेष बल दिया। उनके निर्देशन में 15 छात्रों ने शोध उपाधि अर्जित की। इन्होंने पाठ्यक्रम में नए विषयों का सूत्रपात कर हिन्दी को नयी गरिमा और आधुनिकता प्रदान की। 30 अक्टूबर सन् 1999 को डॉ0 सुभाषचन्द्र कालरा के स्थानान्तरण लेने के उपरान्त डॉ0 हरपाल सिंह ने हिन्दी-विभाग के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला। उनके निर्देशन में 8 छात्रों ने शोध कार्य सम्पन्न किया। डॉ0 धर्मपाल सिंह शास्त्री, डॉ0 एस0एम0 दूबे, डॉ0 आर0एस0 त्यागी और डॉ0 स्वदेश जौहर ने भी समय-समय पर हिन्दी-विभाग में अध्यापन कार्य किया। डॉ0 धर्मपाल सिंह शास्त्री ने सन् 1975 से सन् 2000 तक अध्यापन कार्य किया इनके कुशल निर्देशन में 6 छात्रों ने शोध कार्य किया। डॉ0 गजेन्द्र सिंह ने हिन्दी-विभाग में जुलाई 2003 में डॉ0 हरपाल सिंह की सेवानिवृत्ति के बाद अध्यक्ष पद का कार्यभार संभाला। उन्होंने वर्ष 1977 से जून 2013 तक अपने ज्ञान से छात्र/छात्राओं को लाभान्वित किया। इनके कुशल निर्देशन में 20 छात्रों ने पी-एच.डी. की उपाधि प्राप्त की। वे विश्वविद्यालय की पाठ्यक्रम समिति के सदस्य भी रहे। वर्ष 2013 में डॉ0 निर्मला देवी ने हिन्दी विभाग में विभागाध्यक्ष के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। वर्ष 2020 तक उन्होंने छात्र/छात्राओं को अपने ज्ञान के जल से सिंचित किया। इनके कुशल निर्देशन में 10 छात्रों ने पी-एच.डी. की उपाधि प्राप्त की। वर्ष 2020 से निर्मला जी की सेवानिवृत्ति के उपरान्त हिन्दी-विभाग की अध्यक्षा के रूप में डॉ0 साधना तोमर डी.लिट. कार्य कर रही है। वर्ष 2001 से आप अनवरत अध्यापन और साहित्य सृजन द्वारा हिन्दी की सेवा कर रही हैं। आप 52 शोध पत्र राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों तथा सम्मेलनों में प्रस्तुत कर चुकी है। आपके 35 शोध पत्र राष्ट्रीय/अन्तर्राष्ट्रीय शोध-पत्रिकाओं में और तीन पुस्तकें प्रकाशित हो चुके है। इनके कुशल निर्देशन में आठ छात्रों को पी-एच.डी. की उपाधि प्राप्त हो चुकी है तथा छः छात्र शोध कार्य में रत है। साहित्य-सृजन पर इन्हें 45 सम्मान, पुरस्कार एवं उपाधि प्राप्त हो चुके हैं। वर्तमान में हिन्दी विभाग में चार प्राध्यापक कार्यरत हैं जो पूर्ण निष्ठा के साथ अध्यापन कार्य तथा शोध-निर्देशन कर रहे हैं। डॉ0 अमित कुमार पाण्डेय, डॉ0 नीलम राणा एवं डॉ0 गीता रानी अपने दायित्व का निर्वहन कर छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। सोलह छात्र-छात्राएँ नेट और जे.आर.एफ. की परीक्षा में उत्तीर्ण हो चुके हैं। तीन छात्र चौ0 चरण सिंह विश्वविद्यालय से स्वर्ण पदक भी प्राप्त कर चुके हैं। हिन्दी-विभाग निरन्तर प्रगति के पथ की ओर अग्रसर है।
Sr No. | NAME | DESIGNATION | QUALIFICATION | SPECIALISATION |
---|---|---|---|---|
1 | Dr. Sadhana Tomar (On leave) | Associate Professor | Ph.D;(NET Qualified), D.Lit | Chhayavadi Kavya |
2 | Dr. Amit Kumar Pandey (Incharge) | Assistant Professor | NET & JRF, Ph.D | Criticism & Linguistics |
3 | Dr. Neelam Rana | Assistant Professor | Ph.D | Drama & Theater |
4 | Dr. Geeta Rani | Assistant Professor | M.A; B.Ed; Ph.D., D.lit. |